Sing it with rhythm of Say it by Enrique
तन्हा..तन्हा से, दिल ये.. मेरे दिन ये..रहते हैं
खाली.. खाली सी, रातें.. मेरी बातें ये..कहते हैं
कैसा हुआ हैं ये नशा...मुझे कुछ पता नहीं
कैसा हैं ये दर्द की इसकी...कोई दवा नहीं....
सुन ले रे खुदा ये..अगर तू जाग रहा हैं
बन्दों को ताक रहा हैं..
की कैसी हैं फिजा यू..
होके खफा क्यू.. तकलीफे बाट रहा हैं..
खुशियों को छाट रहा हैं..
की हर इंसा क्यू..
सहमे.. सहमे सहमे चेहरे.. दिलो पर पहेरे ,रहते हैं..
लम्हे...खोये वो लम्हे.. यादो मैं अब भी, रहते हैं..
कैसा हुआ हैं ये नशा...मुझे कुछ पता नहीं
कैसा हैं ये दर्द की इसकी. कोई दवा नहीं....
सुन ले रे खुदा ये..अगर तू जाग रहा हैं..
बन्दों को ताक रहा हैं..
सुनके हर दुआ को...]
कि इस कदर रुस्वा क्यू.. मौसम हो रहा हैं..
अश्को मैं हो रहा हैं..
हर ख्वाब बयाँ यू..
कैसा हुआ हैं ये नशा...मुझे कुछ पता नहीं...
कैसा हैं ये दर्द की इसकी. कोई दवा नहीं...
सुन ले रे खुदा ये..अगर तू जाग रहा हैं
बन्दों को ताक रहा हैं..
की कैसी हैं फिजा यू..
तन्हा..तन्हा से, दिल ये.. मेरे दिन ये..रहते हैं
खाली.. खाली सी, रातें.. मेरी बातें ये..कहते हैं
कैसा हुआ हैं ये नशा...मुझे कुछ पता नहीं
कैसा हैं ये दर्द की इसकी...कोई दवा नहीं....
सुन ले रे खुदा ये..अगर तू जाग रहा हैं
बन्दों को ताक रहा हैं..
की कैसी हैं फिजा यू..
होके खफा क्यू.. तकलीफे बाट रहा हैं..
खुशियों को छाट रहा हैं..
की हर इंसा क्यू..
सहमे.. सहमे सहमे चेहरे.. दिलो पर पहेरे ,रहते हैं..
लम्हे...खोये वो लम्हे.. यादो मैं अब भी, रहते हैं..
कैसा हुआ हैं ये नशा...मुझे कुछ पता नहीं
कैसा हैं ये दर्द की इसकी. कोई दवा नहीं....
सुन ले रे खुदा ये..अगर तू जाग रहा हैं..
बन्दों को ताक रहा हैं..
सुनके हर दुआ को...]
कि इस कदर रुस्वा क्यू.. मौसम हो रहा हैं..
अश्को मैं हो रहा हैं..
हर ख्वाब बयाँ यू..
कैसा हुआ हैं ये नशा...मुझे कुछ पता नहीं...
कैसा हैं ये दर्द की इसकी. कोई दवा नहीं...
सुन ले रे खुदा ये..अगर तू जाग रहा हैं
बन्दों को ताक रहा हैं..
की कैसी हैं फिजा यू..
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