वक़्त की इस तस्वीर मे,छुपा क्या हैं?
तेरा और मेरा घुनाह क्या हैं?
समझे खुद को,या खुद को समझाये
आग बाकी हैं अभी,फिर ये धुंआ क्या हैं?
दूर कहीं खुप जायेंगे हम तुम
फिर क्या खुदा,और दुआ क्या हैं?
संभले खुद से,या खुद को सम्भाले
बात बाकी हैं अभी,फिर होश गुमां क्या हैं?
तारीफ तेरे तब्बसुर की कर लिया करेंगे
फिर क्या शब्,और सुबह क्या हैं?
मनाये खुद को या खुद से मान जाये
जंग जब अपनों से हो,तो जीत हार का निशाँ क्या हैं?
तेरा और मेरा घुनाह क्या हैं?
समझे खुद को,या खुद को समझाये
आग बाकी हैं अभी,फिर ये धुंआ क्या हैं?
दूर कहीं खुप जायेंगे हम तुम
फिर क्या खुदा,और दुआ क्या हैं?
संभले खुद से,या खुद को सम्भाले
बात बाकी हैं अभी,फिर होश गुमां क्या हैं?
तारीफ तेरे तब्बसुर की कर लिया करेंगे
फिर क्या शब्,और सुबह क्या हैं?
मनाये खुद को या खुद से मान जाये
जंग जब अपनों से हो,तो जीत हार का निशाँ क्या हैं?
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