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Thursday, August 13, 2015

सुरमई

मन चचल अति पावन सुरमई
भीगे ओस में बदल सुरमई
जाने न कोई सावन सुरमई..

जगत ये सारा भोला सुरमई
रोग बिगड़ जावत हैं सुरमई..
नाचत फिर भी  मयूरा सुरमई..

धूप रहत  संग छाव हैं सुरमई
बोल रहत संग ताल हैं सुरमई
दर्द रहत  संग राहत हैं सुरमई..

दिखे बिन भी दर्शन सुरमई.
कृपा बिन भी होत करमन सुरमई
बिन हवा डोलत बागन सुरमई..

लहर बिन भी सागर सुरमई
पहर बिन भी जागत सुरमई
खोवत हैं कुछ पावत सुरमई..

देव संग हुए दानव सुरमई
अमृत संग हुआ हलाहल सुरमई
जब पीवत हैं संहारक सुरमई..

जटिल तरीके पावत फल सुरमई..
अटल भाग्य बदलत करम सुरमई..
जो जाने वो होवत सुरमई..

मन चचल अति पावन सुरमई
भीगे ओस मैं बदल सुरमई
जाने न कोई सावन सुरमई..

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